पंजाब के गवर्नर की भगवंत मान सरकार से फिर ठनी; अब इस मामले पर जोरदार टकराव, बनवारी लाल पुरोहित ने लेटर जारी किया
Punjab Governor vs Bhagwant Mann Sarkar
Punjab Governor vs Bhagwant Mann Sarkar: पंजाब के गवर्नर और भगवंत मान सरकार के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब प्रिंसिपल्स को सिंगापुर भेजने के मामले में दोनों पक्ष फिर से आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल, गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने सीएम भगवंत मान को एक लेटर जारी किया है और उनसे पूछा है कि ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर भेजे गए प्रिंसिपलों के चुनाव में क्या पारदर्शिता बरती गई? उन्हें बताया जाए कि क्या सिलेक्शन प्रोसेस अपनाया गया? उन्हें क्राइटीरिया का पूरा ब्यौरा भेजा जाए।
बनवारी लाल पुरोहित ने लेटर में कहा कि सिंगापुर दौरे के लिए प्रिंसिपलों के चयन में कदाचार व अवैधता और धांधली की शिकायतें हैं। वहीं पुरोहित ने पूछा है कि क्या इस स्कीम को पूरे पंजाब में जारी किया गया था? और अब जब पहला बैच वापिस आ चुका है तो यह बताया जाए कि इस विजिट में कुल कितना खर्चा आया. ट्रेवलिंग व बोर्डिंग के अलावा ट्रेनिंग पर कितना धन खर्च हुआ।
इधर पुरोहित ने पंजाब इनफर्मेशन एंड कम्यूनिकेशन एंड टेक्नोलॉजी कारपोरेशन लिमिटेड में चेयरमैन की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए। पुरोहित ने लेटर में लिखा- मुझे पता चला कि आपने गुरिंदरजीत सिंह जवांडा को पंजाब इनफर्मेशन एंड कम्यूनिकेशन एंड टेक्नोलॉजी कारपोरेशन लिमिटेड का चेयरमैन नियुक्त किया गया है जो पंजाब की महत्वपूर्ण व एक साख वाली कारपोरेशन है। जवांडा का नाम फिरौती व प्रापर्टी हड़पने में सामने आया है। इससे संबंधित पूरा ब्यौरा मुझे दिया जाए।
पुरोहित ने कहा कि मैं इस बात से पूरी तरह वाकिफ हूं कि आपको लोगों ने बड़ा वोट देकर चुना लेकिन यह चुनाव प्रशासन को संविधान के अनुसार चलाने के लिए है, न कि अपनी धारणाओं व कल्पनाओं के आधार पर। संविधान के आर्टिकल 167 के तहत आपको मेरी ओर से मांगी गई सारी जानकारी व डिटेल देनी होगी। आप ने यह जानकारी देना मुनासिब नहीं समझा और मेरे आदेशों की अवज्ञा की। मैंने यह सोचकर प्रेस को यह लैटर जारी नहीं किये कि आप संविधान की मर्यादाओं का पालन करेंगे।
लेकिन अब लगने लगा है कि आप जानबूझ कर मेरे पत्रों को दरकिनार कर रहे हैं और मैं जानकारियां प्रेस के समक्ष जारी करने के लिए मजबूर हुआ हूं। इससे पहले भी अनुसूचित जाति के स्टूडेंट्स जो कालेजों में पढ़ रहे हैं कि स्कॉलरशिप जारी न करने को लेकर आपसे जवाब मांगा गया था। इन 2 लाख स्टूडेंट्स ने स्कॉलरशिप जारी न होने की वजह से अपनी पढ़ाई छोड़ दी है। पीएयू के अवैध तरीके से लगाये गए वीसी को हटाने के लिए कहा था।
क्यों भेजा जालंधर, मैंने झंडा फहराना था
बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि 14 दिसंबर 2022 को चंडीगढ़ के एसएसपी रहे कुलदीप सिंह चहल पर लगे आरोपों को लेकर भी मैंने पत्र लिखा था। लेकिन उन्हें न केवल आपने प्रमोशन दी बल्कि जालंधर का कमिश्नर तैनात कर दिया। वह भी 26 जनवरी 2023 से पहले, जब आपको पता था कि मैं जालंधर में इस दिन सरकारी कार्यक्रम में तिरंगा फहराऊंगा। मुझे डीजीपी को आदेश देना पड़ा कि एसएसपी की उनसे समारोह के दौरान दूरी बनाये रखी जाए।
ऐसा लगता है कि यह अफसर तुम्हारे चहेते अफसरों में है क्योंकि जो तथ्य आपके ध्यान में लाये जाते रहे उन्हें आप दरकिनार करते रहे। 4 जनवरी 2023 को एक पत्र सीनियर अफसरों की मीटिंग में नवल अग्रवाल की उपस्थिति को लेकर लिखा। इस मीटिंग में देश की सुरक्षा से संबंधित सेंसटिव व गुप्त मुद्दे डिसकस हुए थे। इस पर भी जवाब नहीं मिला। विज्ञापनों को लिखे लैटर पर भी आपने चुप्पी धारण कर ली।
मान सरकार और राज्यपाल के बीच यहां से शुरू हुई तकरार
बतादें कि, पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित और यहां की भगवंत मान सरकार के बीच तकरार तब से शुरू हुई जब 22 सितंबर 2022 को सीएम भगवंत मान ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया और इसे गवर्नर ने कैंसिल कर दिया। गवर्नर ने एन मौके पर सत्र बुलाने की मंजूरी नहीं दी। जिसके बाद मान सरकार और राज्यपाल में वार-पलटवार का सिलसिला शुरू हो गया और अबतक जारी है।
रिपोर्ट- साजन शर्मा